
iGOT कर्मयोगी: वो डिजिटल गुरुकुल जो भारत की नौकरशाही को फिर से गढ़ रहा है
जहाँ अफसर सिर्फ आदेश नहीं देते, सीखते भी हैं
“अगर कोई अफसर कहे कि अब उसे कुछ सीखने की ज़रूरत नहीं, तो या तो वो संन्यासी है या छुट्टी पर!”
शायद यही सोच थी जब भारत सरकार ने iGOT कर्मयोगी नामक एक डिजिटल क्रांति की नींव रखी — एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो आज एक करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों का ‘ऑनलाइन क्लासरूम’ बन चुका है।
iGOT Karmayogi अब सिर्फ एक वेब पोर्टल नहीं, बल्कि एक आंदोलन है — ब्यूरोक्रेसी में सीखने की भूख जगाने का आंदोलन।
मिशन कर्मयोगी: कहने को सरकारी, करने में जबरदस्त!
iGOT कर्मयोगी दरअसल Mission Karmayogi के अंतर्गत शुरू किया गया वो पहल है जो सिविल सेवकों को “दफ्तर में बैठो, फाइलें देखो, पेंशन लो” की छवि से निकालकर “सीखो, सुधारो, और जनता के लिए काम करो” की दिशा में ले जा रही है।
- इसे NPCSCB (National Programme for Civil Services Capacity Building) का डिजिटल चेहरा कह सकते हैं।
- मकसद? हर सरकारी कर्मचारी को 21वीं सदी की जरूरतों के मुताबिक अपडेटेड और अपस्किल बनाना — चाहे वो लिपिक हो या सचिव।
1 करोड़ से ज्यादा अफसर अब विद्यार्थी!
जी हाँ! मई 2025 तक इस प्लेटफॉर्म पर 1 करोड़ से ज्यादा सिविल सेवक पंजीकृत हो चुके हैं।
पिछले दो वर्षों में इसमें 30 गुना की वृद्धि हुई है।
कभी RTI फाइल करने में महीनों लग जाते थे, अब अफसर खुद AI और डिजिटल गवर्नेंस पर कोर्स कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री की खुली सराहना
डॉ. जितेंद्र सिंह, कार्मिक मंत्रालय के प्रभारी और खुद एक सुलझे हुए नेता, ने इस उपलब्धि को “सुधरती नौकरशाही की पहचान” कहा है।
उनका मानना है कि यह प्लेटफॉर्म न केवल प्रशिक्षण को आसान बना रहा है, बल्कि नौकरशाही को टेक-सेवी और उत्तरदायी भी बना रहा है।
iGOT कर्मयोगी में ऐसा क्या है जो इसे खास बनाता है?
1. भाषा कोई बाधा नहीं
यह प्लेटफॉर्म 16 भाषाओं में कोर्स प्रदान करता है। मतलब अब कोई भी अधिकारी — चाहे वह असम में हो या कर्नाटक में, हिंदी बोले या तेलुगु — आराम से ट्रेनिंग ले सकता है।
2. कोर्स इतने हैं कि गिनती छूट जाए!
यहाँ 2400 से ज्यादा कोर्स हैं —
- सार्वजनिक नीति
- डिजिटल गवर्नेंस
- नेतृत्व और नेतृत्व की नैतिकता
- AI और ब्लॉकचेन तक
3. कोर्स बनाते हैं 200+ संस्थान
मंत्रालय, विश्वविद्यालय, IITs और तमाम सरकारी एजेंसियाँ — मिलकर कंटेंट तैयार कर रही हैं।
4. सीखो जब मन हो
यहाँ कोई सायरन नहीं बजता, न कोई उपस्थिति रजिस्टर। मोबाइल पर लॉगिन करो और कभी भी सीखो — डेस्क से लेकर डिनर टेबल तक।
5. कोर्स आपके लिए, सिर्फ आपके लिए
प्लेटफॉर्म AI और डेटा एनालिटिक्स से यह समझता है कि आपकी भूमिका, अनुभव और लक्ष्य क्या हैं, और उसी के अनुसार कोर्स सजेस्ट करता है।
iGOT का असर: अब नौकरशाही भी बन रही ‘सीखने वाली मशीन’
1. एक जैसा प्रशिक्षण, पूरे देश में
पहले अलग-अलग विभागों में प्रशिक्षण अलग-अलग था। अब सबको एक ही गुणवत्ता वाला कंटेंट मिल रहा है।
2. स्किल गैप हो रहा है कम
AI, साइबर सुरक्षा, डेटा एनालिटिक्स जैसे कोर्स अफसरों को भविष्य के लिए तैयार कर रहे हैं।
3. ऑफिस में पढ़ाई का नया कल्चर
अब अफसर भी कहते हैं — “आज एक मॉड्यूल और पूरा कर लूं, फिर फाइल देखूंगा।”
4. बेहतर सेवा डिलीवरी
जो अफसर लगातार सीख रहे हैं, वो जनता की ज़रूरतों को बेहतर समझ पा रहे हैं। परिणामस्वरूप, नीति निर्माण से लेकर ज़मीनी क्रियान्वयन तक सुधार दिख रहा है।
कुछ अफसरों की जुबानी iGOT की कहानी
- एक युवा IAS अधिकारी कहती हैं — “मुझे नेतृत्व के कोर्स ने न सिर्फ टीम मैनेजमेंट सिखाया, बल्कि खुद पर यकीन करना भी सिखाया।“
- एक जिला कलेक्टर ने बताया कि आपदा प्रबंधन के कोर्स ने उन्हें बाढ़ के दौरान तेज़ और सही निर्णय लेने में मदद की।
रुकावटें भी हैं, लेकिन सरकार ने कस ली है कमर
1. इंटरनेट की पहुँच
दूरदराज के क्षेत्रों में नेट की कमी iGOT की रफ्तार में ब्रेक लगाती है।
2. परंपरागत सोच
पुरानी सोच वाले अफसर डिजिटल लर्निंग को ‘ज़्यादा काम का बोझ’ मानते हैं।
3. भाषायी और स्थानीय सामग्री की ज़रूरत
हर भाषा और राज्य की जरूरतों के अनुसार कंटेंट बनाना एक सतत प्रक्रिया है।
सरकार का रोडमैप: सीखने की क्रांति को और गहरा करना
- नेटवर्क का विस्तार: BSNL, Jio, Airtel जैसे नेटवर्क पार्टनरों के साथ सहयोग।
- डिजिटल साक्षरता अभियान: अफसरों को डिजिटल टूल्स से डर नहीं, दोस्ती कराना।
- स्थानीय कंटेंट: राज्यों के विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर क्षेत्रीय भाषाओं और समस्याओं पर आधारित कोर्स तैयार करना।
भारत बन रहा है वैश्विक उदाहरण
iGOT Karmayogi जैसा प्लेटफॉर्म दुनिया में शायद ही किसी देश ने अपनाया हो।
अमेरिका और यूरोप के कई देश अब इस मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं।
एक ही मंच पर 1 करोड़ से ज्यादा सरकारी कर्मचारी, सैकड़ों कोर्स, दर्जनों भाषाएँ और AI आधारित लर्निंग — ये कोई आम बात नहीं, ये तो डिजिटल गवर्नेंस का इंडिया ब्रांड है!
निष्कर्ष: अब अफसर सिर्फ कुर्सी पर नहीं बैठते, सीखते भी हैं
iGOT कर्मयोगी ने भारत की सिविल सेवा को एक नई पहचान दी है —
अब “सरकारी नौकरी” सिर्फ पेंशन नहीं, बल्कि प्रोफेशनल ग्रोथ का नाम है।
iGOT कर्मयोगी — अफसरों के लिए नहीं, देश के भविष्य के लिए!
iGOT कर्मयोगी (iGOT Karmayogi) से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य प्रतियोगी परीक्षाओं UPSC, SSC, State PSC, आदि के लिए :-
विषय | विवरण |
---|---|
iGOT का पूरा नाम | Integrated Government Online Training |
प्लेटफ़ॉर्म का नाम | iGOT Karmayogi |
लॉन्च वर्ष | 2020 (Mission Karmayogi के अंतर्गत) |
लॉन्चिंग संस्था | भारत सरकार (DoPT – Department of Personnel and Training) |
मिशन का उद्देश्य | सरकारी कर्मचारियों के लिए क्षमता निर्माण और निरंतर प्रशिक्षण |
iGOT कर्मयोगी किस मिशन का हिस्सा है? | Mission Karmayogi (NPCSCB) |
NPCSCB का पूरा नाम | National Programme for Civil Services Capacity Building |
कुल पंजीकृत सरकारी कर्मचारी (मई 2025 तक) | 1 करोड़ से अधिक |
कुल कोर्स की संख्या | 2400+ कोर्स |
उपलब्ध भाषाएं | 16 भाषाएं |
प्लेटफ़ॉर्म की विशेषता | AI आधारित, रोल आधारित लर्निंग, anytime-anywhere access |
कोर्स उपलब्धता | 24×7 ऑनलाइन, मोबाइल व वेब आधारित |
कोर्स निर्माताओं की संख्या | 200+ संस्थान (मंत्रालय, IITs, आदि) |
मुख्य क्षेत्रों में कोर्स | सार्वजनिक प्रशासन, डिजिटल गवर्नेंस, नीति निर्माण, नेतृत्व, साइबर सुरक्षा |
iGOT का टेक पार्टनर | Karmayogi Bharat SPV (Special Purpose Vehicle) |
प्रशासनिक निगरानी | कार्मिक मंत्रालय (Ministry of Personnel, Public Grievances and Pensions) |
प्रमुख लाभ | स्किल गैप कमी, समान प्रशिक्षण, दक्षता में वृद्धि |
तकनीकी चुनौतियाँ | इंटरनेट की पहुंच, डिजिटल साक्षरता, भाषायी विविधता |
सरकारी मंत्री (2025) | डॉ. जितेंद्र सिंह (Minister of State, DoPT) |
प्लेटफ़ॉर्म किस पोर्टल पर आधारित है? | www.karmayogi.gov.in |
Important MCQs
Q1. iGOT का पूर्ण रूप क्या है?
A) Indian Government Online Training
B) Integrated Government Official Training
C) Integrated Government Online Training
D) Indian General Orientation Training
उत्तर: C) Integrated Government Online Training
Explanation: iGOT का मतलब है “Integrated Government Online Training”, जो सरकारी कर्मचारियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म के ज़रिए ट्रेनिंग देने की योजना है।
Q2. iGOT Karmayogi किस मिशन का हिस्सा है?
A) Digital India
B) Skill India
C) Mission Karmayogi
D) Atmanirbhar Bharat
उत्तर: C) Mission Karmayogi
Explanation: Mission Karmayogi भारत सरकार की प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य सरकारी कर्मचारियों की क्षमताओं का विकास करना है। iGOT उसी का डिजिटल प्लेटफॉर्म है।
Q3. Mission Karmayogi को कौन संचालित करता है?
A) NITI Aayog
B) DoPT
C) Ministry of Education
D) UPSC
उत्तर: B) DoPT (Department of Personnel and Training)
Explanation: DoPT, जो कार्मिक मंत्रालय के तहत आता है, इस मिशन को लागू करता है और कर्मचारियों की स्किल डेवलपमेंट में अग्रणी भूमिका निभाता है।
Q4. Mission Karmayogi कब शुरू हुआ?
A) 2018
B) 2019
C) 2020
D) 2021
उत्तर: C) 2020
Explanation: Mission Karmayogi को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2020 में लॉन्च किया गया था, जो सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जाता है।
Q5. NPCSCB का पूरा नाम क्या है?
A) National Planning for Central Staff and Civil Board
B) National Programme for Civil Services Capacity Building
C) National Policy for Civil Services and Cadre Board
D) National Panel for Civil Services and Bureaucracy
उत्तर: B) National Programme for Civil Services Capacity Building
Explanation: NPCSCB इस मिशन का मूल आधार है, जिसके तहत सरकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने की नीति तैयार की गई है।
Q6. iGOT Karmayogi किस प्रकार का प्लेटफॉर्म है?
A) Offline Classroom-based
B) Blended Physical Training
C) AI-enabled Digital Platform
D) Only Mobile App
उत्तर: C) AI-enabled Digital Platform
Explanation: यह प्लेटफॉर्म आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करता है ताकि हर कर्मचारी को उसकी ज़रूरत के अनुसार व्यक्तिगत प्रशिक्षण दिया जा सके।
Q7. iGOT प्लेटफॉर्म पर कितनी भाषाओं में कोर्स उपलब्ध हैं?
A) 5
B) 8
C) 12
D) 16
उत्तर: D) 16
Explanation: यह प्लेटफॉर्म बहुभाषी है जिससे देश के विभिन्न क्षेत्रों के अधिकारी अपनी पसंदीदा भाषा में ट्रेनिंग ले सकते हैं।
Q8. iGOT Karmayogi किसकी निगरानी में काम करता है?
A) NITI Aayog
B) Karmayogi Bharat SPV
C) Ministry of Skill Development
D) Ministry of Education
उत्तर: B) Karmayogi Bharat SPV
Explanation: एक विशेष उद्देश्य कंपनी (SPV) “Karmayogi Bharat” इस प्लेटफॉर्म की निगरानी करती है ताकि इसकी कार्यक्षमता बनी रहे।
Q9. Mission Karmayogi का मुख्य उद्देश्य क्या है?
A) IAS भर्ती
B) Transfer Policy
C) Capacity Building of Civil Servants
D) Budget Monitoring
उत्तर: C) Capacity Building of Civil Servants
Explanation: इस मिशन का मकसद है सरकारी कर्मचारियों को आधुनिक, कुशल और जिम्मेदार बनाना ताकि वे बेहतर प्रशासन दे सकें।
Q10. “Karmayogi Bharat” क्या है?
A) NGO
B) PSU
C) SPV (Special Purpose Vehicle)
D) Regulatory Body
उत्तर: C) SPV (Special Purpose Vehicle)
Explanation: यह एक कंपनी है जिसे विशेष उद्देश्य से बनाया गया है ताकि iGOT प्लेटफॉर्म को तकनीकी और प्रशासनिक सहायता दी जा सके।
Q11. iGOT कर्मयोगी पर किस तरह के कोर्स उपलब्ध हैं?
A) केवल UPSC
B) केवल तकनीकी
C) Public Administration, Policy, Leadership
D) केवल स्वास्थ्य
उत्तर: C) Public Administration, Policy, Leadership
Explanation: ये कोर्स सरकारी कामकाज, नीति निर्माण, नेतृत्व और सेवा वितरण को बेहतर करने पर केंद्रित होते हैं।
Q12. “Learn anytime, anywhere” किस प्लेटफॉर्म का स्लोगन है?
A) DIKSHA
B) SWAYAM
C) iGOT Karmayogi
D) NPTEL
उत्तर: C) iGOT Karmayogi
Explanation: यह प्लेटफॉर्म 24×7 एक्सेसिबल है और मोबाइल, लैपटॉप आदि पर कहीं भी सीखा जा सकता है।
Q13. iGOT प्लेटफॉर्म किसे लक्षित करता है?
A) छात्र
B) किसान
C) आम नागरिक
D) सरकारी कर्मचारी
उत्तर: D) सरकारी कर्मचारी
Explanation: यह विशेष रूप से भारत सरकार के सभी स्तरों पर कार्यरत कर्मचारियों की दक्षता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
Q14. iGOT Karmayogi किस वेबसाइट पर उपलब्ध है?
A) swayam.gov.in
B) diksha.gov.in
C) karmayogi.gov.in
D) mygov.in
उत्तर: C) karmayogi.gov.in
Explanation: यही आधिकारिक वेबसाइट है जहाँ से सभी कोर्स और लॉगिन उपलब्ध हैं।
Q15. वर्तमान (2025) में DoPT के राज्यमंत्री कौन हैं?
A) अश्विनी वैष्णव
B) डॉ. जितेंद्र सिंह
C) नरेंद्र सिंह तोमर
D) धर्मेन्द्र प्रधान
उत्तर: B) डॉ. जितेंद्र सिंह
Explanation: वे प्रधानमंत्री कार्यालय, विज्ञान एवं तकनीक, और कार्मिक मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हैं।