अध्याय 2: प्रागैतिहासिक काल (Prehistoric Age)
प्रागैतिहासिक काल वह युग है जब मानव सभ्यता का प्रारंभ हुआ, लेकिन लेखन कला का विकास नहीं हुआ था। चूँकि इस काल के लोग अपने अनुभवों को लिखित रूप में दर्ज नहीं कर सकते थे, इसलिए इतिहासकारों को इस युग का ज्ञान मुख्यतः पुरातात्विक खोजों, उपकरणों, गुफा चित्रों, अस्थियों और अन्य अवशेषों के अध्ययन से प्राप्त होता है।
यह काल मानव के अस्तित्व, उसके शारीरिक विकास, औजारों के निर्माण और सामाजिक संरचना के विकास को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रागैतिहासिक काल का अर्थ एवं विभाजन
‘प्रागैतिहासिक’ शब्द का अर्थ है — इतिहास से पूर्व का समय, अर्थात वह कालखंड जिसका कोई लिखित साक्ष्य उपलब्ध नहीं है। इस काल को तीन प्रमुख चरणों में विभाजित किया गया है:
कालखंड | समयावधि | मुख्य विशेषताएँ |
---|---|---|
पाषाण युग (Stone Age) | 20 लाख वर्ष पूर्व – 2000 ईसा पूर्व | पत्थर के औजारों का प्रयोग, शिकारी जीवन |
कांस्य युग (Bronze Age) | 3300 ईसा पूर्व – 1200 ईसा पूर्व | तांबा एवं कांसे के औजारों का उपयोग, कृषि का विकास |
लौह युग (Iron Age) | 1200 ईसा पूर्व – 600 ईसा पूर्व | लौह उपकरणों का विकास, नगरों एवं राज्यों का उदय |
I. पाषाण युग (Stone Age)
पाषाण युग मानव सभ्यता का सबसे आरंभिक चरण है। इसमें मानव ने पत्थरों से उपकरण बनाकर अपने दैनिक कार्यों को आसान बनाया।
पाषाण युग के उपविभाजन
वर्गीकरण | कालावधि | मुख्य विशेषताएँ |
---|---|---|
प्राचीन पाषाण युग (Paleolithic Age) | 20 लाख वर्ष पूर्व – 10,000 ईसा पूर्व | पत्थर के मोटे, अनगढ़ औजार, खानाबदोश जीवन, शिकार एवं खाद्य संग्रहण |
मध्य पाषाण युग (Mesolithic Age) | 10,000 ईसा पूर्व – 8000 ईसा पूर्व | छोटे एवं अधिक परिष्कृत पत्थर के औजार (माइक्रोलिथ्स), प्रारंभिक कृषि, पशुपालन |
नवपाषाण युग (Neolithic Age) | 8000 ईसा पूर्व – 2000 ईसा पूर्व | चिकने पत्थरों के औजार, स्थायी बस्तियाँ, कृषि का विकास |
प्राचीन पाषाण युग (Paleolithic Age)
- मानव का जीवन पूरी तरह शिकार और खाद्य संग्रहण पर निर्भर था।
- लोग छोटे-छोटे समूहों में रहते थे और स्थायी आवास का कोई प्रमाण नहीं मिलता।
- औजारों को पत्थरों को ठोक-पीटकर बनाया जाता था, जिन्हें हैंड एक्स, स्क्रैपर और चॉपर कहते हैं।
- भारत में भीमबेटका (मध्य प्रदेश) की गुफाओं में मिले चित्र इस काल के जीवन का प्रमाण देते हैं।
महत्वपूर्ण स्थल: भीमबेटका (मध्य प्रदेश), बेलन घाटी (उत्तर प्रदेश), सोन घाटी (मध्य प्रदेश), नर्मदा घाटी (मध्य भारत)
मध्य पाषाण युग (Mesolithic Age)
- इस काल में छोटे पत्थर के औजारों (माइक्रोलिथ्स) का उपयोग किया गया।
- मनुष्य ने पशुपालन एवं कृषि की शुरुआत की।
- इस काल के लोग गुफाओं में रहते थे और शिकार के अतिरिक्त मछली पकड़ने तथा फलों के संग्रहण का कार्य करते थे।
महत्वपूर्ण स्थल: बघोर (मध्य प्रदेश), सरायनाहर राय (उत्तर प्रदेश), आदमगढ़ (मध्य प्रदेश)
नवपाषाण युग (Neolithic Age)
- इस काल में मानव ने कृषि करना शुरू किया और स्थायी बस्तियाँ बसाईं।
- मिट्टी के बर्तन, कपड़े बुनने की कला और पशुपालन का विकास हुआ।
- लोथल और मेहरगढ़ जैसे स्थलों से नवपाषाण युग की उन्नत सभ्यता के प्रमाण मिलते हैं।
महत्वपूर्ण स्थल: मेहरगढ़ (पाकिस्तान), बुर्जहोम (कश्मीर), गुफ़्करल (कश्मीर), बेलन घाटी (उत्तर प्रदेश)
II. कांस्य युग (Bronze Age)
- इस काल में तांबे और कांसे के औजारों का प्रयोग प्रारंभ हुआ।
- सिंधु घाटी सभ्यता (3300-1300 ईसा पूर्व) इसी काल में विकसित हुई।
- इस युग में कृषि, व्यापार और नगर निर्माण का विकास हुआ।
- धातु से बने उपकरण अधिक मजबूत और प्रभावी थे।
प्रमुख स्थल: हड़प्पा, मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा
III. लौह युग (Iron Age)
- इस काल में मानव ने लोहे के औजारों का प्रयोग शुरू किया, जिससे कृषि उपकरण, अस्त्र-शस्त्र और निर्माण कार्य में क्रांतिकारी परिवर्तन हुआ।
- इस युग में जनपदों एवं महाजनपदों का उदय हुआ, जिसने बाद में भारत में राज्य व्यवस्था का आधार तैयार किया।
प्रमुख स्थल: अतरंजीखेड़ा (उत्तर प्रदेश), पय्यमपल्ली (तमिलनाडु)
IV. भारत में प्रमुख प्रागैतिहासिक स्थल और उनकी विशेषताएँ
स्थान | कालखंड | मुख्य विशेषताएँ |
---|---|---|
भीमबेटका (म.प्र.) | पुरापाषाण काल | गुफा चित्र, शिकार के दृश्य |
मेहरगढ़ (पाकिस्तान) | नवपाषाण काल | कृषि के साक्ष्य, पशुपालन |
लोथल (गुजरात) | कांस्य युग | डॉकयार्ड, व्यापार केंद्र |
आदमगढ़ (म.प्र.) | मध्य पाषाण काल | माइक्रोलिथ्स (छोटे औजार) |
बुर्जहोम (कश्मीर) | नवपाषाण काल | गड्ढों वाले घर, शिकारी संस्कृति |
V. प्रागैतिहासिक काल का महत्व
मानव समाज के प्रारंभिक जीवन, उसके रहन-सहन, भोजन, आवास और संस्कृति को समझने में सहायक।
कृषि, पशुपालन, औजार निर्माण और कला के विकास की कहानी का महत्वपूर्ण स्रोत।
सामाजिक संरचना, धार्मिक मान्यताओं और सांस्कृतिक विरासत के शुरुआती प्रमाण उपलब्ध कराता है।
इस काल के अवशेष बताते हैं कि मानव अपने परिवेश के अनुसार कैसे विकास करता गया।
प्रागैतिहासिक काल भारतीय इतिहास की वह आधारशिला है, जिसमें मानव ने अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष किया, प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाया और धीरे-धीरे सभ्यता की ओर बढ़ा। पत्थर के औजारों से लेकर लौह उपकरणों तक की यात्रा, खानाबदोश जीवन से स्थायी बस्तियों तक का सफर, और भोजन संग्रह से संगठित कृषि तक का विकास — ये सभी बातें मानव के विकास की कहानी को बेहद रोचक बनाती हैं।
इस काल को जानना न केवल हमारे अतीत को समझने में सहायक है, बल्कि यह दर्शाता है कि कैसे संघर्ष और रचनात्मकता के माध्यम से मानव सभ्यता ने आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्त किया।

पाषाण युग (Stone Age)
पाषाण युग मानव सभ्यता का सबसे आरंभिक चरण है, जिसमें मानव ने पत्थर के औजारों का निर्माण कर अपने दैनिक जीवन को सरल बनाया। यह काल लगभग 20 लाख वर्ष पूर्व से प्रारंभ होकर 2000 ईसा पूर्व तक फैला हुआ था। इस युग में मानव न तो कृषि करता था और न ही स्थायी बस्तियाँ बनाता था। वह मुख्यतः शिकारी-संग्राहक (Hunter-Gatherer) के रूप में जीवन व्यतीत करता था।
पाषाण युग का वर्गीकरण
पाषाण युग को उसके औजारों के स्वरूप, सामाजिक जीवन और तकनीकी प्रगति के आधार पर तीन प्रमुख चरणों में विभाजित किया गया है:
पाषाण युग का चरण | कालावधि | मुख्य विशेषताएँ |
---|---|---|
प्राचीन पाषाण युग (Paleolithic Age) | 20 लाख वर्ष पूर्व – 10,000 ईसा पूर्व | मोटे, अनगढ़ पत्थर के औजार, खानाबदोश जीवन, शिकार एवं भोजन संग्रहण |
मध्य पाषाण युग (Mesolithic Age) | 10,000 ईसा पूर्व – 8000 ईसा पूर्व | छोटे एवं परिष्कृत पत्थर के औजार (माइक्रोलिथ्स), पशुपालन एवं प्रारंभिक कृषि |
नवपाषाण युग (Neolithic Age) | 8000 ईसा पूर्व – 2000 ईसा पूर्व | चिकने पत्थरों के औजार, स्थायी बस्तियाँ, कृषि का विकास |
प्राचीन पाषाण युग (Paleolithic Age) – एक विस्तृत और रोचक विवरण
प्राचीन पाषाण युग मानव सभ्यता का सबसे पुराना चरण है, जिसे Old Stone Age भी कहा जाता है। यह काल लगभग 20 लाख वर्ष पूर्व से 10,000 ईसा पूर्व तक फैला था। इस युग में मानव पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर था और उसका जीवन शिकार एवं भोजन संग्रह पर आधारित था।
यह युग मानव विकास का वह महत्वपूर्ण दौर था, जब उसने अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना सीखा और धीरे-धीरे औजार निर्माण, आग का उपयोग और सामूहिक जीवन जैसी महत्वपूर्ण प्रथाओं को अपनाया।
प्राचीन पाषाण युग का काल विभाजन (Sub-Division of Paleolithic Age)
प्राचीन पाषाण युग को वैज्ञानिक आधार पर तीन उपविभागों में विभाजित किया जाता है:
चरण | कालावधि | मुख्य विशेषताएँ |
---|---|---|
प्रारंभिक पुरापाषाण युग (Lower Paleolithic Age) | 20 लाख वर्ष पूर्व – 1 लाख वर्ष पूर्व | मोटे, अनगढ़ पत्थर के औजार, शिकार एवं भोजन संग्रहण |
मध्य पुरापाषाण युग (Middle Paleolithic Age) | 1 लाख वर्ष पूर्व – 40,000 वर्ष पूर्व | छोटे, धारदार एवं अधिक परिष्कृत औजार |
उत्तर पुरापाषाण युग (Upper Paleolithic Age) | 40,000 वर्ष पूर्व – 10,000 ईसा पूर्व | आधुनिक मानव (Homo sapiens) का उदय, कला एवं धार्मिक मान्यताओं का विकास |
प्राचीन पाषाण युग की विशेषताएँ (Key Features of Paleolithic Age)
प्राचीन पाषाण युग में मानव जीवन सरल, असंगठित और प्रकृति पर आधारित था। इस युग की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
1. भोजन एवं जीवनशैली (Food and Lifestyle)
मनुष्य शिकारी-संग्राहक (Hunter-Gatherer) के रूप में जीवन व्यतीत करता था।
वे खानाबदोश (Nomadic) जीवन जीते थे और भोजन के लिए पशुओं के शिकार एवं फलों, जड़-बूटियों तथा कंद-मूलों पर निर्भर थे।
भोजन संग्रहण का कोई स्थायी तरीका नहीं था, इसलिए वे लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते रहते थे।
2. औजारों का निर्माण (Tool Making)
इस युग के लोग पत्थरों को ठोक-पीटकर मोटे, अनगढ़ औजार बनाते थे।
प्रमुख औजारों में हैंड एक्स (Hand Axe), स्क्रैपर (Scraper), चॉपर (Chopper), क्लीवर (Cleaver) आदि शामिल थे।
ये औजार शिकार, चमड़े को साफ करने, लकड़ी काटने और भोजन तैयार करने के लिए उपयोग किए जाते थे।
3. आग का उपयोग (Discovery of Fire)
प्राचीन पाषाण युग के अंत में मानव ने आग जलाने की कला सीख ली थी।
आग के प्रयोग से भोजन पकाने, ठंड से बचाव, जंगली जानवरों से सुरक्षा और प्रकाश प्राप्त करने में सहायता मिली।
इस खोज ने मानव के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया।
4. आश्रय एवं आवास (Shelter and Housing)
प्रारंभिक मानव गुफाओं (Caves) में रहता था।
बाद में उसने अस्थायी झोपड़ियाँ बनानी शुरू कीं, जिन्हें लकड़ी, पत्तियों और पशुओं की खाल से तैयार किया जाता था।
गुफाओं की दीवारों पर बनाए गए भित्तिचित्र (Cave Paintings) उनके सांस्कृतिक विकास का प्रमाण हैं।
5. कला और धार्मिक मान्यताएँ (Art and Beliefs)
उत्तर पुरापाषाण युग में कला का विकास हुआ, जिसमें गुफा चित्रकला (Cave Paintings) का विशेष स्थान है।
इन चित्रों में शिकार के दृश्य, पशु-पक्षी, नृत्य एवं दैनिक जीवन के कार्य दर्शाए गए हैं।
इस युग के लोग मृतकों को दफनाने लगे थे, जो धार्मिक विश्वासों की शुरुआत को दर्शाता है।
6. सामाजिक संगठन (Social Organization)
इस काल में लोग छोटे-छोटे समूहों में रहते थे।
समूह के सदस्य मिलकर शिकार करते थे और भोजन साझा करते थे।
नेतृत्व सामान्यतः सबसे अनुभवी व्यक्ति या शिकारी के पास होता था।
प्राचीन पाषाण युग के प्रमुख पुरास्थल (Major Paleolithic Sites in India)
स्थान | राज्य | मुख्य विशेषताएँ |
---|---|---|
भीमबेटका | मध्य प्रदेश | गुफा चित्र, शिकार के दृश्य |
सोहन घाटी | पाकिस्तान | प्रारंभिक मानव के औजारों के प्रमाण |
नर्मदा घाटी | मध्य प्रदेश | मानव अस्थियों के प्रमाण |
बेलन घाटी | उत्तर प्रदेश | राख के अवशेष, आग के प्रयोग का प्रमाण |
आदमगढ़ | मध्य प्रदेश | शिकार एवं दैनिक जीवन से संबंधित चित्र |
प्राचीन पाषाण युग की खोजों का महत्व (Significance of Discoveries in Paleolithic Age)
प्राचीन पाषाण युग में मानव के जीवन का संघर्ष, उसकी रचनात्मकता और सीखने की क्षमता के प्रमाण मिलते हैं।
आग के प्रयोग, औजारों के निर्माण और सामूहिक जीवन की शुरुआत ने आगे चलकर मानव सभ्यता को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस युग की खोजों से यह स्पष्ट होता है कि मानव ने कठिन परिस्थितियों में अपने मस्तिष्क का उपयोग कर जीवन जीने की कला विकसित की।
प्राचीन पाषाण युग मानव इतिहास का वह अध्याय है जिसने मानव को अस्तित्व की चुनौती का सामना करना सिखाया। शिकार से लेकर भोजन पकाने, गुफाओं में आश्रय लेने से लेकर कला के विकास तक — यह युग मानव प्रगति की महत्वपूर्ण यात्रा को दर्शाता है।
इस युग के अनुभवों और विकास ने ही आगे चलकर सभ्यता की आधारशिला रखी, जिससे मानव ने कृषि, व्यापार और समाज का निर्माण किया। पाषाण युग केवल पत्थर के औजारों तक सीमित नहीं था, बल्कि यह मानव संघर्ष, अन्वेषण और नवाचार की प्रेरणादायक गाथा भी है।
प्राचीन पाषाण युग (Paleolithic Age) – 10 महत्वपूर्ण MCQs
1. प्राचीन पाषाण युग का आरंभ कब हुआ था?
(A) लगभग 10,000 वर्ष पूर्व
(B) लगभग 20 लाख वर्ष पूर्व
(C) लगभग 50 लाख वर्ष पूर्व
(D) लगभग 5,000 वर्ष पूर्व
उत्तर: (B) लगभग 20 लाख वर्ष पूर्व
व्याख्या: प्राचीन पाषाण युग की शुरुआत लगभग 20 लाख वर्ष पूर्व मानी जाती है, जब मानव ने सबसे पहले पत्थर के औजारों का प्रयोग शुरू किया था।
2. निम्नलिखित में से किस युग में मानव शिकारी-संग्राहक के रूप में जीवन व्यतीत करता था?
(A) नवपाषाण युग
(B) कांस्य युग
(C) पुरापाषाण युग
(D) लौह युग
उत्तर: (C) पुरापाषाण युग
व्याख्या: प्राचीन पाषाण युग में मानव का जीवन पूरी तरह शिकार और भोजन संग्रहण पर निर्भर था।
3. प्राचीन पाषाण युग के लोग मुख्यतः किस प्रकार के औजारों का प्रयोग करते थे?
(A) लोहे के औजार
(B) कांस्य के औजार
(C) अनगढ़ पत्थर के औजार
(D) लकड़ी के औजार
उत्तर: (C) अनगढ़ पत्थर के औजार
व्याख्या: प्राचीन पाषाण युग के लोग मोटे और अनगढ़ पत्थर के औजारों का उपयोग करते थे, जिन्हें वे ठोक-पीटकर तैयार करते थे।
4. निम्नलिखित में से कौन-सा स्थल प्राचीन पाषाण युग से संबंधित है?
(A) मेहरगढ़
(B) भीमबेटका
(C) हड़प्पा
(D) लोथल
उत्तर: (B) भीमबेटका
व्याख्या: भीमबेटका (मध्य प्रदेश) में गुफा चित्रकला और प्रारंभिक मानव के जीवन से संबंधित प्रमाण प्राप्त हुए हैं, जो प्राचीन पाषाण युग के हैं।
5. निम्नलिखित में से किस पुरास्थल पर मानव अस्थियों के प्रमाण मिले हैं?
(A) सोहन घाटी
(B) नर्मदा घाटी
(C) आदमगढ़
(D) बुर्जहोम
उत्तर: (B) नर्मदा घाटी
व्याख्या: नर्मदा घाटी में आदिम मानव की अस्थियों के प्रमाण मिले हैं, जो भारत में मानव जीवन के प्रारंभिक संकेतों में से एक हैं।
6. प्राचीन पाषाण युग के लोग भोजन के लिए मुख्यतः किस पर निर्भर थे?
(A) कृषि
(B) व्यापार
(C) पशुपालन
(D) शिकार एवं भोजन संग्रहण
उत्तर: (D) शिकार एवं भोजन संग्रहण
व्याख्या: प्राचीन पाषाण युग के लोग भोजन के लिए पूरी तरह शिकार और वन्य उपज पर निर्भर थे।
7. निम्नलिखित में से कौन-सा औजार प्राचीन पाषाण युग के लोगों द्वारा उपयोग किया जाता था?
(A) हैंड ऐक्स (Hand Axe)
(B) कुल्हाड़ी (Axe)
(C) तलवार (Sword)
(D) हल (Plough)
उत्तर: (A) हैंड ऐक्स (Hand Axe)
व्याख्या: हैंड ऐक्स प्राचीन पाषाण युग का प्रमुख औजार था, जिसका उपयोग शिकार, खुदाई और लकड़ी काटने के लिए किया जाता था।
8. प्राचीन पाषाण युग के लोग मुख्यतः कहाँ निवास करते थे?
(A) मिट्टी के घरों में
(B) झोपड़ियों में
(C) गुफाओं में
(D) किलों में
उत्तर: (C) गुफाओं में
व्याख्या: प्राचीन पाषाण युग के लोग गुफाओं में आश्रय लेते थे, क्योंकि ये उन्हें ठंड, वर्षा और जंगली जानवरों से सुरक्षा प्रदान करती थीं।
9. प्राचीन पाषाण युग में आग के प्रयोग का क्या लाभ था?
(A) खाना पकाने में सहायक
(B) ठंड से बचाव
(C) जंगली जानवरों से सुरक्षा
(D) उपरोक्त सभी
उत्तर: (D) उपरोक्त सभी
व्याख्या: आग का प्रयोग प्राचीन मानव के लिए क्रांतिकारी बदलाव लेकर आया। इससे भोजन पकाना, ठंड से बचाव और जंगली जानवरों से सुरक्षा संभव हो पाई।
10. भीमबेटका गुफाएँ, जो प्राचीन पाषाण युग से संबंधित हैं, कहाँ स्थित हैं?
(A) राजस्थान
(B) उत्तर प्रदेश
(C) मध्य प्रदेश
(D) महाराष्ट्र
उत्तर: (C) मध्य प्रदेश
व्याख्या: भीमबेटका (मध्य प्रदेश) में स्थित गुफाएँ भारत में प्राचीन पाषाण युग की महत्वपूर्ण पुरास्थल हैं, जहाँ गुफा चित्रकला के उत्कृष्ट उदाहरण पाए गए हैं।
मध्य पुरापाषाण युग (Middle Paleolithic Age) – एक विस्तृत और रोचक विवरण
मध्य पुरापाषाण युग प्राचीन पाषाण युग का दूसरा चरण है, जिसे लगभग 1 लाख वर्ष पूर्व से 40,000 वर्ष पूर्व का समय माना जाता है। यह युग मानव विकास के क्रम में अत्यंत महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इसी काल में मानव ने अधिक उन्नत औजारों का निर्माण किया, शिकार तकनीकों में सुधार किया और सामाजिक संगठन के स्तर पर भी प्रगति की।
मध्य पुरापाषाण युग का काल विभाजन (Timeline of Middle Paleolithic Age)
- प्रारंभ : लगभग 1 लाख वर्ष पूर्व
- समाप्ति : लगभग 40,000 वर्ष पूर्व
- महत्वपूर्ण घटनाएँ : औजारों का परिष्कृत रूप, समाज में सामूहिक जीवन का प्रारंभ, आग का व्यवस्थित प्रयोग
मध्य पुरापाषाण युग की प्रमुख विशेषताएँ (Key Features of Middle Paleolithic Age)
1. औजारों का निर्माण (Tool Making)
इस युग में औजार पहले की तुलना में अधिक छोटे, नुकीले और कार्यकुशल बनाए जाने लगे।
प्रमुख औजारों में फ्लेक (Flake Tools), स्क्रैपर (Scraper), ब्लेड (Blade) आदि शामिल थे।
औजार निर्माण के लिए मुख्यतः क्वार्टज़ाइट (Quartzite) और चर्ट (Chert) जैसी कठोर चट्टानों का उपयोग किया जाता था।
इस युग में औजारों पर नुकीले किनारों को तराशने की कला विकसित हुई, जिससे शिकार, चमड़े की सफाई और भोजन तैयार करने में अधिक दक्षता आई।
2. भोजन एवं शिकार (Food and Hunting)
मानव अब केवल छोटे जानवरों के शिकार तक सीमित न रहकर बड़े जानवरों का शिकार करने लगा।
शिकार के लिए सामूहिक प्रयासों (Group Hunting) की शुरुआत हुई, जिसमें समूह के सदस्य योजनाबद्ध तरीके से शिकार करते थे।
भोजन में मांस के अलावा फलों, जड़-बूटियों और वनस्पतियों का भी समावेश हुआ।
3. आश्रय एवं गुफाएँ (Shelter and Caves)
इस युग में मानव ने गुफाओं को अपने स्थायी आवास के रूप में अपनाया।
गुफाओं की दीवारों पर चित्रकारी के कुछ प्रारंभिक प्रमाण भी इसी काल में दिखाई देते हैं, जिनमें शिकार के दृश्य प्रमुख थे।
गुफाएँ मानव को ठंड, वर्षा और जंगली जानवरों से सुरक्षा प्रदान करती थीं।
4. आग का उपयोग (Use of Fire)
इस युग में आग के प्रयोग का अधिक व्यापक रूप देखने को मिलता है।
आग का उपयोग न केवल भोजन पकाने में बल्कि ठंड से बचाव और रोशनी के लिए भी किया जाता था।
आग ने शिकार किए गए मांस को सुरक्षित रखने और अधिक स्वादिष्ट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
5. सामाजिक संगठन (Social Organization)
मध्य पुरापाषाण युग में समूह में रहने की प्रवृत्ति बढ़ी।
लोग छोटे-छोटे झुंडों में रहते थे, जिससे उन्हें शिकार में सहयोग, भोजन साझा करने और सुरक्षा में सहायता मिलती थी।
इस युग में समाज में नेतृत्व व्यवस्था का प्रारंभ हुआ, जहाँ समूह का नेतृत्व अनुभवी व्यक्ति करता था।
6. भाषाई विकास (Language Development)
यद्यपि इस युग में लिखित भाषा का कोई प्रमाण नहीं है, परंतु संकेतों, आवाज़ों और हावभाव के माध्यम से संचार में सुधार होने लगा था।
यही भाषा विकास आगे चलकर मानवीय संवाद का आधार बनी।
मध्य पुरापाषाण युग के प्रमुख पुरास्थल (Important Sites of Middle Paleolithic Age in India)
स्थान | राज्य | विशेषताएँ |
---|---|---|
भीमबेटका (Bhimbetka) | मध्य प्रदेश | गुफा चित्रकला, शिकार के दृश्य |
नवासा (Nawasa) | महाराष्ट्र | मध्य पुरापाषाण काल के फ्लेक औजार |
बेलन घाटी (Belan Valley) | उत्तर प्रदेश | राख के अवशेष, आग के प्रयोग का प्रमाण |
पाटन (Patan) | गुजरात | धारदार पत्थर के औजारों के प्रमाण |
कृष्णा घाटी (Krishna Valley) | आंध्र प्रदेश | ब्लेड, स्क्रैपर जैसे औजारों के अवशेष |
मध्य पुरापाषाण युग का महत्व (Significance of Middle Paleolithic Age)
इस युग में मानव ने औजारों के निर्माण में नवीन तकनीक अपनाई, जिससे उनका जीवन अधिक सुरक्षित और प्रभावी बना।
आग के नियंत्रित उपयोग ने भोजन पकाने और जंगली जानवरों से बचाव में सहूलियत प्रदान की।
इस युग में सामाजिक संगठन और समूह में कार्य करने की भावना का विकास हुआ, जिससे मानव का समाज की ओर बढ़ने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
मध्य पुरापाषाण युग मानव सभ्यता के क्रमिक विकास का महत्वपूर्ण चरण था। इस काल में मानव ने औजार निर्माण, शिकार की रणनीतियों और सामाजिक संगठन में महत्वपूर्ण प्रगति की। आग के उपयोग और सामूहिक जीवनशैली ने मानव के जीवन को अधिक सुरक्षित और व्यवस्थित बनाया।
इस युग में हुए बदलावों ने भविष्य में मानव के कृषि, व्यापार और स्थायी बस्तियों के विकास की नींव रखी। इस प्रकार, मध्य पुरापाषाण युग मानव सभ्यता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण युग था, जिसने आदिम मानव को आधुनिक मानव के रूप में विकसित होने की दिशा दी।
मध्य पुरापाषाण युग (Middle Paleolithic Age) – 10 महत्वपूर्ण MCQs
1. मध्य पुरापाषाण युग की समयावधि मानी जाती है –
(A) 20 लाख वर्ष पूर्व से 10 हजार वर्ष पूर्व
(B) 1 लाख वर्ष पूर्व से 40,000 वर्ष पूर्व
(C) 10 हजार वर्ष पूर्व से 5 हजार वर्ष पूर्व
(D) 50 हजार वर्ष पूर्व से 20 हजार वर्ष पूर्व
उत्तर: (B) 1 लाख वर्ष पूर्व से 40,000 वर्ष पूर्व
व्याख्या: मध्य पुरापाषाण युग की अवधि लगभग 1 लाख वर्ष पूर्व से 40,000 वर्ष पूर्व के बीच मानी जाती है, जो प्राचीन पाषाण युग का दूसरा चरण था।
2. निम्नलिखित में से कौन-सा प्रमुख स्थल मध्य पुरापाषाण युग से संबंधित है?
(A) लोथल
(B) भीमबेटका
(C) मोहनजोदड़ो
(D) चन्हूदड़ो
उत्तर: (B) भीमबेटका
व्याख्या: भीमबेटका (मध्य प्रदेश) में स्थित गुफाओं में मध्य पुरापाषाण युग के मानव जीवन के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं, जिनमें गुफा चित्रकला और औजारों के अवशेष प्रमुख हैं।
3. मध्य पुरापाषाण युग में प्रमुख रूप से किस प्रकार के औजारों का निर्माण किया जाता था?
(A) चमकदार धातु के औजार
(B) लकड़ी के औजार
(C) नुकीले और छोटे पत्थर के औजार
(D) मिट्टी के बर्तन
उत्तर: (C) नुकीले और छोटे पत्थर के औजार
व्याख्या: इस युग में फ्लेक (Flake), स्क्रैपर (Scraper) और ब्लेड (Blade) जैसे नुकीले और छोटे पत्थर के औजारों का व्यापक उपयोग किया जाता था।
4. भारत में मध्य पुरापाषाण युग के औजारों का प्रमुख स्थल कौन-सा है?
(A) बेलन घाटी
(B) मेहरगढ़
(C) कालीबंगा
(D) लोथल
उत्तर: (A) बेलन घाटी
व्याख्या: उत्तर प्रदेश स्थित बेलन घाटी में मध्य पुरापाषाण युग के राख के अवशेष तथा आग के प्रयोग के प्रमाण मिले हैं।
5. मध्य पुरापाषाण युग के लोग मुख्यतः किस प्रकार का जीवन व्यतीत करते थे?
(A) कृषि आधारित जीवन
(B) शिकार और भोजन संग्रह पर आधारित जीवन
(C) व्यापार पर आधारित जीवन
(D) हस्तशिल्प आधारित जीवन
उत्तर: (B) शिकार और भोजन संग्रह पर आधारित जीवन
व्याख्या: मध्य पुरापाषाण युग के लोग मुख्यतः शिकारी-संग्राहक (Hunter-Gatherers) थे, जो भोजन के लिए शिकार और वनस्पति संग्रह पर निर्भर रहते थे।
6. मध्य पुरापाषाण युग में मानव ने आग का उपयोग किस उद्देश्य के लिए प्रारंभ किया?
(A) प्रकाश के लिए
(B) शिकार के लिए
(C) भोजन पकाने, सुरक्षा और ठंड से बचाव के लिए
(D) खेती के लिए
उत्तर: (C) भोजन पकाने, सुरक्षा और ठंड से बचाव के लिए
व्याख्या: इस युग में मानव ने आग का प्रयोग व्यवस्थित रूप से करना सीखा, जिससे भोजन पकाना, ठंड से बचाव और जंगली जानवरों से सुरक्षा संभव हो पाई।
7. मध्य पुरापाषाण युग के लोग अपने आश्रय के लिए किसका उपयोग करते थे?
(A) मिट्टी के घर
(B) झोपड़ियाँ
(C) गुफाएँ
(D) लकड़ी की झोंपड़ियाँ
उत्तर: (C) गुफाएँ
व्याख्या: मध्य पुरापाषाण युग के लोग मुख्यतः गुफाओं में निवास करते थे, जो उन्हें प्राकृतिक सुरक्षा प्रदान करती थीं।
8. निम्नलिखित में से कौन-सा पशु मध्य पुरापाषाण युग के लोगों के शिकार का प्रमुख लक्ष्य था?
(A) हाथी
(B) घोड़ा
(C) हिरण
(D) गाय
उत्तर: (C) हिरण
व्याख्या: मध्य पुरापाषाण युग के शिकारी प्रायः हिरण, जंगली भैंस और अन्य छोटे-से-मझोले जानवरों का शिकार करते थे।
9. मध्य पुरापाषाण युग में निम्नलिखित में से किस प्रकार के समाज का विकास हुआ था?
(A) एकल परिवार
(B) कृषि आधारित समाज
(C) घुमंतू शिकारी-संग्राहक समाज
(D) स्थायी नगर आधारित समाज
उत्तर: (C) घुमंतू शिकारी-संग्राहक समाज
व्याख्या: मध्य पुरापाषाण युग में लोग भोजन की तलाश में एक स्थान से दूसरे स्थान पर घूमते थे और समूह में रहते थे।
10. मध्य पुरापाषाण युग के लोग शिकार के लिए मुख्यतः किस रणनीति का प्रयोग करते थे?
(A) एकल शिकार
(B) समूह बनाकर योजनाबद्ध शिकार
(C) पशुपालन
(D) जाल बिछाकर शिकार
उत्तर: (B) समूह बनाकर योजनाबद्ध शिकार
व्याख्या: इस युग में मानव ने शिकार में सामूहिक रणनीतियाँ अपनानी शुरू कीं, जिससे बड़े जानवरों का शिकार करना आसान हुआ।

नवपाषाण युग (Neolithic Age) –
नवपाषाण युग, जिसे नई पाषाण युग (New Stone Age) भी कहा जाता है, मानव सभ्यता के विकास में एक क्रांतिकारी परिवर्तन का काल था। इस युग में मानव जीवन में कृषि, पशुपालन, बस्तियों का निर्माण और सामाजिक संगठन जैसी महत्वपूर्ण प्रगति हुई। इसे लगभग 9,000 ईसा पूर्व से 2,500 ईसा पूर्व के बीच का काल माना जाता है, हालांकि विभिन्न क्षेत्रों में इसकी समय-सीमा भिन्न हो सकती है।
नवपाषाण युग का काल विभाजन (Timeline of Neolithic Age)
- प्रारंभ : लगभग 9,000 ईसा पूर्व
- समाप्ति : लगभग 2,500 ईसा पूर्व
- प्रमुख घटनाएँ : कृषि का आरंभ, स्थायी बस्तियों का निर्माण, मृदभांड (Pottery) का विकास, पशुपालन का प्रारंभ
नवपाषाण युग की प्रमुख विशेषताएँ (Key Features of Neolithic Age)
1. कृषि का प्रारंभ (Beginning of Agriculture)
नवपाषाण युग का सबसे बड़ा परिवर्तन कृषि का विकास था।
मानव ने जौ, गेहूँ, बाजरा और अन्य अनाजों की खेती प्रारंभ की।
सिंचाई के प्रारंभिक साधनों और कृषि उपकरणों का प्रयोग भी इसी काल में प्रारंभ हुआ।
कृषि के कारण लोग खानाबदोश जीवन छोड़कर स्थायी बस्तियाँ बसाने लगे।
2. पशुपालन का प्रारंभ (Domestication of Animals)
इस युग में मानव ने भेड़, बकरी, गाय और कुत्ते जैसे पशुओं को पालतू बनाया।
पशुपालन के कारण दूध, मांस और चमड़े की उपलब्धता बढ़ी, जिससे मानव का जीवन अधिक व्यवस्थित हुआ।
3. मृदभांड निर्माण (Pottery Making)
नवपाषाण युग के लोग भोजन संग्रहण और पकाने के लिए मिट्टी के बर्तनों का निर्माण करने लगे।
प्रारंभिक मृदभांड सरल थे, लेकिन बाद में इन पर कलात्मक डिजाइन भी बनाए गए।
ये बर्तन सूर्य के प्रकाश में सुखाकर या आग में तपाकर कठोर बनाए जाते थे।
4. औजारों का विकास (Improvement in Tools)
नवपाषाण युग में पत्थर के औजारों को अधिक चिकना और धारदार बनाया गया।
खेती के लिए फावड़ा (Hoe), दरांती (Sickle) और कुल्हाड़ी (Axe) जैसे औजारों का प्रयोग किया गया।
ये औजार पहले की तुलना में अधिक टिकाऊ और प्रभावी थे।
5. वस्त्र निर्माण (Weaving and Clothing)
नवपाषाण युग में लोग सूत कातने और कपड़े बुनने लगे।
कपड़ों के लिए ऊन और कपास का प्रयोग किया जाता था।
6. स्थायी बस्तियों का विकास (Settlement and Housing)
कृषि के विकास के कारण लोग स्थायी रूप से एक ही स्थान पर बसने लगे।
मकानों का निर्माण मुख्यतः मिट्टी, लकड़ी और पत्थरों से किया जाता था।
ये मकान गोल या चौकोर आकार के होते थे।
7. कला और संस्कृति (Art and Culture)
नवपाषाण युग में लोग दीवारों पर चित्रकारी करने लगे।
इस काल में मूर्तिकला का प्रारंभ भी हुआ, जिसमें मानव एवं पशुओं की आकृतियाँ बनाई गईं।
इन कलाकृतियों में धार्मिक और सांस्कृतिक जीवन के संकेत मिलते हैं।
8. धार्मिक विश्वास (Religious Beliefs)
नवपाषाण युग में लोग प्रकृति पूजक थे।
सूर्य, चंद्रमा, जल, वायु आदि प्राकृतिक तत्वों को देवता के रूप में पूजा जाता था।
मृतकों को गाड़ने की परंपरा शुरू हुई, जिससे जीवन-मरण के प्रति उनकी धार्मिक मान्यताओं का संकेत मिलता है।
नवपाषाण युग के प्रमुख पुरास्थल (Important Neolithic Sites in India)
स्थान | राज्य | विशेषताएँ |
---|---|---|
मेहरगढ़ (Mehrgarh) | बलूचिस्तान (अब पाकिस्तान) | भारत उपमहाद्वीप में सबसे पुरानी नवपाषाण बस्ती |
बुर्जहोम (Burzahom) | जम्मू-कश्मीर | भूमिगत आवासों (Pit Dwellings) के अवशेष |
कोल्डीहवा (Koldihwa) | उत्तर प्रदेश | चावल की खेती के सबसे पुराने प्रमाण |
गुफ़कराल (Gufkral) | जम्मू-कश्मीर | मृदभांड एवं पशुपालन के प्रमाण |
दाइमाबाद (Daimabad) | महाराष्ट्र | नवपाषाण संस्कृति के बाद के चरण का संकेत |
नवपाषाण युग का महत्व (Significance of Neolithic Age)
नवपाषाण युग ने मानव जीवन को शिकारी-संग्राहक अवस्था से कृषक-संस्कृति में परिवर्तित किया।
कृषि के विकास ने खाद्य उत्पादन में वृद्धि की और स्थायी बस्तियों की स्थापना को संभव बनाया।
इस युग में समाज में श्रम विभाजन, व्यापार और संस्कृति का विकास हुआ, जिससे मानव सभ्यता का आधार तैयार हुआ।
नवपाषाण युग मानव इतिहास का वह महत्वपूर्ण चरण था जिसने समाज को कृषि, पशुपालन और स्थायी बस्तियों की ओर अग्रसर किया। इसी युग में मानव जीवन अधिक संगठित, स्थायी और समृद्ध हुआ। यही काल आगे चलकर सभ्यता के विकास का आधार बना।
नवपाषाण युग (Neolithic Age) – 10 महत्वपूर्ण MCQs
1. नवपाषाण युग की शुरुआत का प्रमुख संकेतक क्या था?
(A) शिकार और भोजन संग्रह
(B) धातु उपकरणों का प्रयोग
(C) कृषि और पशुपालन का प्रारंभ
(D) गुफा चित्रकला का विकास
उत्तर: (C) कृषि और पशुपालन का प्रारंभ
व्याख्या: नवपाषाण युग में मानव ने कृषि और पशुपालन शुरू किया, जिससे जीवन में स्थायित्व आया और समाज अधिक संगठित हुआ।
2. भारत में नवपाषाण युग का सबसे पुराना स्थल कौन-सा है?
(A) लोथल
(B) मेहरगढ़
(C) भीमबेटका
(D) कालीबंगा
उत्तर: (B) मेहरगढ़
व्याख्या: मेहरगढ़ (अब पाकिस्तान में) भारत उपमहाद्वीप का सबसे पुराना नवपाषाण स्थल है, जहाँ कृषि, पशुपालन और मृदभांड के प्रमाण मिले हैं।
3. नवपाषाण युग में मकानों के निर्माण के लिए मुख्य रूप से किस सामग्री का प्रयोग किया जाता था?
(A) ईंट और पत्थर
(B) लकड़ी और घास
(C) मिट्टी, लकड़ी और पत्थर
(D) लोहे और धातु
उत्तर: (C) मिट्टी, लकड़ी और पत्थर
व्याख्या: नवपाषाण युग के लोग मिट्टी, लकड़ी और पत्थर का उपयोग कर गोलाकार और चौकोर मकानों का निर्माण करते थे।
4. निम्नलिखित में से किस नवपाषाण स्थल से भूमिगत आवास (Pit Dwellings) के प्रमाण मिले हैं?
(A) बुर्जहोम
(B) कोल्डीहवा
(C) गुफ़कराल
(D) दाइमाबाद
उत्तर: (A) बुर्जहोम
व्याख्या: जम्मू-कश्मीर स्थित बुर्जहोम में भूमिगत आवासों के अवशेष पाए गए हैं, जो नवपाषाण युग के लोगों द्वारा ठंड से बचाव के लिए बनाए गए थे।
5. कोल्डीहवा (Koldihwa) किस चीज के लिए प्रसिद्ध है?
(A) गेहूँ की खेती
(B) चावल की खेती
(C) बाजरा की खेती
(D) कपास की खेती
उत्तर: (B) चावल की खेती
व्याख्या: उत्तर प्रदेश स्थित कोल्डीहवा स्थल पर चावल की खेती के सबसे पुराने प्रमाण मिले हैं, जो नवपाषाण युग के कृषि विकास को दर्शाते हैं।
6. नवपाषाण युग के लोग मुख्य रूप से किस प्रकार के बर्तन बनाते थे?
(A) कांसे के बर्तन
(B) मिट्टी के बर्तन
(C) पत्थर के बर्तन
(D) लकड़ी के बर्तन
उत्तर: (B) मिट्टी के बर्तन
व्याख्या: नवपाषाण युग में मिट्टी के बर्तन (मृदभांड) बनाए जाते थे, जिनका उपयोग भोजन पकाने, संग्रहण और जल संग्रह के लिए किया जाता था।
7. नवपाषाण युग के लोग भोजन पकाने के लिए किस विधि का प्रयोग करते थे?
(A) तंदूर
(B) भट्टी
(C) खुले गड्ढे में आग जलाकर
(D) मिट्टी के ओवन में
उत्तर: (C) खुले गड्ढे में आग जलाकर
व्याख्या: नवपाषाण युग में भोजन पकाने के लिए खुले गड्ढों में आग जलाकर मिट्टी के बर्तनों का उपयोग किया जाता था।
8. नवपाषाण युग के लोगों द्वारा पालतू बनाए गए प्रमुख पशु कौन-से थे?
(A) कुत्ता और हाथी
(B) गाय और बकरी
(C) भेड़ और सुअर
(D) (B) और (C) दोनों
उत्तर: (D) (B) और (C) दोनों
व्याख्या: नवपाषाण युग में गाय, बकरी, भेड़ और सुअर जैसे जानवरों को पालतू बनाया गया था, जिससे दूध, मांस और चमड़े की उपलब्धता सुनिश्चित हुई।
9. नवपाषाण युग के लोग अपने मृतकों को कैसे दफनाते थे?
(A) जल में बहाकर
(B) समाधि बनाकर
(C) घर के फर्श के नीचे गड्ढों में दफनाकर
(D) जंगल में छोड़कर
उत्तर: (C) घर के फर्श के नीचे गड्ढों में दफनाकर
व्याख्या: नवपाषाण युग में मृतकों को घर के फर्श के नीचे दफनाया जाता था, जिससे उनके धार्मिक विश्वासों का संकेत मिलता है।
10. नवपाषाण युग की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता क्या थी?
(A) धातु उपकरणों का निर्माण
(B) मृदभांड निर्माण
(C) कृषि और स्थायी बस्तियों का विकास
(D) व्यापार का विकास
उत्तर: (C) कृषि और स्थायी बस्तियों का विकास
व्याख्या: नवपाषाण युग में कृषि और स्थायी बस्तियों का विकास हुआ, जिससे मानव समाज का स्वरूप पूरी तरह बदल गया और सभ्यता की नींव पड़ी।